New Best Love Shayari For Whatsapp Status & FB Status - नामुमकिन
मौसम - ए- चाहत में हूं निकलना है नामुमकिन ।हिज्र की खिदमत में हूं निकलना है नामुमकिन ।सिलसिले वो नफरत के फिर जवा’ ना हो "चौहान"मैं इसी दहिशत में हूं निकलना है नामुमकिन ।
"चौहान"
وے ساڑے ساھاں نے چننا جوڑے حوکیاں تھی ناقےبناں چنن دیاں راتاں طے اسیں رکھدے جگراتے۔۔۔'چوہان"
ਦਿਲ ਭਾਲਦਾ ਵਿਛੜਿਆ ਹਾਣੀ
ਕਿੱਥੋਂ ਮੈਂ ਲਿਆਵਾਂ ਲੱਭ ਕੇ
ਨੀ ਜਿੰਦੇ ਮੇਰੀਏ ,,,
"ਚੌਹਾਨ"
دل بھالدا وچھڑیا حانی
کتھوں میں لیاواں لبھ کے
نی جںدے میریے۔۔۔۔
"چوہھان"
ये दरद-ए- दिल भी कमाल
मेरा कातिल भी कमाल
हम को मिल कर ना मिला जो
है वो साहिल भी कमाल ...
"चौहान"
ਫਲਕ ਤੋਂ ਉਤਰਕੇ ਦਾਦ ਦੇਵਣ ਫਰਿਸਤੇ
ਫਿਰ ਤੇਰੇ ਹੁਸਨ ਦਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਜਿਕਰ ਅੱਜ...
"ਚੌਹਾਨ"
ਫਿਰ ਤੇਰੇ ਹੁਸਨ ਦਾ ਹੋ ਰਿਹਾ ਜਿਕਰ ਅੱਜ...
"ਚੌਹਾਨ"
शनाख़्त का अर्थ :- शनाख़्त - पहचान , शनाख़्त - identification , शनाख़्त - ਪਹਿਚਾਣ
तन्हाई का अर्थ :- अकेलापन; तनहा होने की अवस्था; एकाकीपन , एकांत स्थान या निर्जन
ज़ालिम का अर्थ - अत्याचारी , क्रूर
हाए !
हम से हमारा पता ना पूछिए साहिब
सच में नहीं पता
कि हम कहां हैं ...
"चौहान"
ऐ दिल कहां की बात कहां जोड़ दे तू,
पागल शरारत करनी अब छोड़ दे तू ...
"चौहान"
मौसम - ए- चाहत में हूं निकलना है नामुमकिन ।
हिज्र की खिदमत में हूं निकलना है नामुमकिन ।
सिलसिले वो नफरत के फिर जवा’ ना हो "चौहान"
मैं इसी दहिशत में हूं निकलना है नामुमकिन ।
"चौहान"
हिज्र का अर्थ - वियोग, जुदाई, विछोह।
- हुनर का अर्थ :- गुण, योग्यता, कला, कारीगरी , कौशल
...
Latest Shayari - दीपक ,deepak, ਦੀਵਾ
कुछ लोग जलते नहीं दिखते "चौहान"
जैसे दीपक में तेल ...
"चौहान"
...
महोब्त वो रीत "चौहान"जिसे कोई हर निभाता हैहर कोई छुपाता है ..."चौहान"
रीत का अर्थ - रीति रिवाज
...
वो जो हरफों में हूं लिखते हैं,
क्या कहिए कि कयूं लिखते है...
"चौहान"
ਸੀਨੇ ਦੇ ਜ਼ਖ਼ਮ ਟੋਹ ਕੇ ਸੋਚਾਂ ਮੈਂ ਦੋਸਤੋ,
ਕਿੰਨੇ ਰੰਗ ਬਦਲਿਆ ਕਾਤਿਲ ਕਾਤਿਲ ਹੋਣ ਤੱਕ ।
ਇਉਂ ਵੀ ਹੁੰਦਾ ਕਦੇ ਇਉਂ ਹੋ ਜਾਂਦਾਂ ਕਦੇ
ਕਾਬਿਲ ਕਾਬਿਲ ਨਹੀਂ ਰਹਿੰਦਾ ਕਾਬਿਲ ਹੋਣ ਤੱਕ ।
"ਚੌਹਾਨ"
काबिल का अर्थ :- योग्य, लायक , विद्वान्।
हकीकत का अर्थ :- असलीयत, यथार्थता। , सच्चाई, सच बात
...
sad poetry - shayad , शायद
फिर उसी रहगुज़र पर शायद ,हम कभी फिर मिलें मगर शायद ...
अहमद फ़राज़
रहगुज़र का अर्थ :- raah-guzar , मार्ग, पथ, रास्ता।
इशारा का अर्थ :- ishara , इशारा ,संकेत, सुझाव इशारा, संकेत, भाव, हाव-भाव, चेष्टा, व्यंजक
दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा यादअब मुझ को नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा यादमैं शिकवा ब-लब था मुझे ये भी न रहा यादशायद कि मिरे भूलने वाले ने किया यादछेड़ा था जिसे पहले-पहल तेरी नज़र नेअब तक है वो इक नग़्मा-ए-बे-साज़-ओ-सदा यादजब कोई हसीं होता है सरगर्म-ए-नवाज़िशउस वक़्त वो कुछ और भी आते हैं सिवा यादक्या जानिए क्या हो गया अरबाब-ए-जुनूँ कोमरने की अदा याद न जीने की अदा यादमुद्दत हुई इक हादसा-ए-इश्क़ को लेकिनअब तक है तिरे दिल के धड़कने की सदा याद
"जिगर मुरादाबादी "
कुछ अब तेरी दुकान में वो माल भी नहीं रहा
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