बेबसी बनी किस कदर किसको कहें हम ।
खाब फिर रहा है बिखर किसको कहें हम ।
ढूंढते रहे हम खुदी को बेखुदी में,
ना मिले खुदी से मगर किसको कहें हम ।
"चौहान"
खाब फिर रहा है बिखर किसको कहें हम ।
ढूंढते रहे हम खुदी को बेखुदी में,
ना मिले खुदी से मगर किसको कहें हम ।
"चौहान"
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