मोहब्बत इश्क की बाजी दिल हार कर दिल जीतने वाला खेल ग़म खाने की भूख अश्कों को पीने वाली तिश्नगी तनहाई में बातें करने का लुत्फ तो ले फिर ऐ दिल हमने भी बांट दिए इस खेल के पत्ते अब तू खेल ना खेल जीतने के लिए खेल बले ही हारने के लिए खेल मरजी आपजी हार-जीत मेरी । "चौहान"
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