ना फूल
ना तारा
ना ही कोई मशहूर हसती
मैं मिट्टी का बरीक कण
इतना बारीक
नज़र को नज़र ना आए
सो हम से खेलने वाले
ध्यान रहे
खेल खेल में कहीं
मैं आँख में चला गया तो
ढूंढने से ढूंढा जा सकूं
ये शायद हो ना सके
मेरी रडक से
आँखों में बनी लाली का इलाज
किसी वैद के पास हो
ये नामुमकिन है ।
"चौहान"
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