Wednesday, April 25, 2018

mera vichar

कोई सीखना नहीं चाहता कोई सिखाना नहीं चाहता
बस
इसी उलझन में उलझ कर कला दम तोड रही है और उत्पन्न हो रहा है
बिना लगाम के चलने वाला समाज। जिस में ना कोई गुरू है और ना कोई चेला जो ना किसी कानून को मानता है ना किसी बंदिश को॥
" चौहान"

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